सोचकर सोचो कया सोचते हो

सोचकर सोचो क्या सोचते हो –२

क्या कभी कुछ नया सोचते हो –२

बीती बातों में बस घूमते हो –२

सोचकर सोचो क्या सोचते हो

क्या कभी कुछ नया सोचते हो

जब कभी कुछ तुम सोचते हो

खुद के ख्याल से खुद को सोचते हो

खुद के आईने में खुद को देखते हो

खुद की नजरों से खुद को जांचते हो

क्यों नहीं इस कैद से निकलते हो –२

कहता हूं क्यों न कुछ नया भी पढ़ा करो,

क्यों न कुछ हट के अलग सा देखते हो

इस बहाने ही कुछ नया जानते हो

जानकर कुछ नई सोच बुनते हो

इस क़दर फिर नया सोचते हो

सोचकर सोचो क्या सोचते हो

क्या कभी कुछ नया सोचते हो –२

सोचकर सोचो क्या सोचते हो

आने जाने दो हर सोच को मुख्तसर

न टोको न रोको जरा देखो ठहरकर

देखो फिर नई सोच बनती किस कदर

होती है नई शक्ति कैसे मयस्सर

देखो फिर कितना नया सोचते हो

सोचते सोचो क्या सोचते हो

क्या कभी कुछ नया सोचते हो

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