शेर ओ शायरी
अब वो रानाई–ए –ख्याल कहां–२ वो रस भरी रुसवाईयां कहां तेरे खयालों की तन्हाइयां कहां ढूंढने से क्या मिलेगा वो सब, जो रह गई है सिमट के कहानियों में!
अब वो रानाई–ए –ख्याल कहां–२ वो रस भरी रुसवाईयां कहां तेरे खयालों की तन्हाइयां कहां ढूंढने से क्या मिलेगा वो सब, जो रह गई है सिमट के कहानियों में!
एक रात मैं कुछ परेशान था परेशान इसलिए नहीं कि परेशानियां मेरे पीछे थी परेशान इसलिए की मैं परेशानियों के पीछे था तभी एक आवाज आई और मैं रुक गया और मेरी परेशानियां दूर जाती…
जाने क्या सुकून मिला धर्मगुरुओं को, नेताओं को? बांटकर हम मानव को बांटकर समाज को, देश को धर्म तो कहीं कहा नहीं के बंटो और लड़ो गर कहा है तो फिर वो धर्म ही कहां?…
हमें तेरे ख्यालों के ख्याल तक जाना हैसवालों के असल जवाब तक जाना हैकब तक सवालों के जवाब ढूंढूं तेरे राज मेंकभी खुले भी, ऐ सरकार ! – 2मुझे आखरी हिसाब तक जाना है
सोचकर सोचो क्या सोचते हो –२ क्या कभी कुछ नया सोचते हो –२ बीती बातों में बस घूमते हो –२ सोचकर सोचो क्या सोचते हो क्या कभी कुछ नया सोचते हो जब कभी कुछ तुम…